September 19, 2019
कमजोर पाचन तंत्र को मजबूत करने के घरेलू उपचार
अवलोकन
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार पाचन तंत्र में जठराग्नि संबंधित मार्ग और पाचन तंत्र के अन्य सहायक अंग शामिल होते हैं जिनमें अग्न्याशय, पित्ताशय की थैली, यकृत, लार गंथियाँ और जीभ मुख्य रूप से शामिल होते हैं।आयुर्वेद के अनुसार पाचन तंत्र के इन अंगों के माध्यम से, शरीर में पाचन प्रक्रिया होती है। पाचन में भोजन के टूटने को छोटे कणों में शामिल किया जाता है जब तक कि उन्हें शरीर में अवशोषित और आत्मसात नहीं किया जा सकता है। यदि ये अंग शरीर में कमजोर हो जाते हैं तो शरीर का विकास नहीं होता है। जब पाचन तंत्र कमजोर होता है, तो हम कुछ पाचन समस्याओं जैसे गैस, सूजन, पेट की समस्याओं, कभी-कभी कब्ज या खाने के बाद थकान से पीड़ित होते हैं।इस लेख में हम पाचन प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए कुछ उपाय और घरेलू उपचार के बारे में जानकारी प्राप्त करेगें ।
आयुर्वेद के अनुसार कमजोर पाचन तंत्र के मुख्य कारण क्या हैं आइये जानते हैं :
- कम शारीरिक काम और दिनचर्या का खराब होना
- गलत खान-पान
- बहुत कम मात्रा में पानी पीना।
- तंबाकू उत्पादों (शराब और सिगरेट) और शराब का अधिक मात्रा में सेवन करना।
- अधिक मात्रा में खाद्य उत्पाद खाना।
- अनियमित भोजन की आदतें।
- देर रात तक जागते रहना।
- लंबे समय तक एक ही जगह पर काम करना।
- बहुत अधिक मात्रा में फास्ट फूड या जंक फूड खाना।
- काम और किसी भी चीज से संबंधित चिंता और तनाव।
कमजोर पाचन तंत्र के मुख्यu लक्षण आइये जानते हैं :
- अम्लता
- पेट से जुड़ी बीमारियां
- नाराज़गी
- चिड़चिड़ापन
- दस्त
- अपच
- कब्ज
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार पाचन तंत्र को दुरुस्त करने के उपाय :
दिनचर्या को बनाए स्वस्थ और मजबूत :
एक व्यक्ति के स्वस्थ रहने के लिए एक अच्छी दिनचर्या होना बहुत जरूरी है। अगर आपकी दिनचर्या संतुलित या अच्छी नहीं है तो आपको दिन भर में पाचन से जुड़ी अनेक छोटी-छोटी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। अपनी दिनचर्या को सुबह से रात तक सही रखना बहुत जरूरी है । सही समय पर भोजन का सेवन करें । यदि आपकी दिनचर्या अच्छी है, तो आपका शरीर भी स्वस्थ रहेगा, जिससे पाचन तंत्र भी ठीक रहेगा।
रात को जल्दी सोएं और सुबह जल्दी उठें:
आयुर्वेद के अनुसार ज्यादातर लोग रात में देर तक जागते रहते हैं, काम के कारण देर से घर आते हैं और अपनी खराब दिनचर्या के कारण वे जल्दी सोते नहीं हैं और सुबह देर से उठते हैं। देर रात तक जागते रहने से पाचन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। सबसे अच्छा उपाय है कि देर रात को सोने की आदत को बदलें और रात को जल्दी सो कर सुबह जल्दी उठें ।
अधिक मात्रा में पानी पिएं:
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार पानी हमारे लिए अमृत है। अधिकतर लोग बहुत कम मात्रा में पानी पीते हैं। हमें एक दिन में लगभग ५ से ६ लीटर पानी पीना चाहिए। अगर आपका पाचन तंत्र ठीक नहीं है तो आप के लिए और भी ज्यादा पानी पीना लाभकारी होता हैं। यह हमारे शरीर में पानी की आवश्यकता को पूरा करता है, जिससे भोजन को पचाने में आसानी होती है। इसलिए पाचन तंत्र को उचित बनाए रखने के लिए खूब पानी पिएं।
तनाव को रखें दूर :
आज कल की जीवनशैली में तनाव सामान्य सी समस्या बन गया है। तनाव आदमी को दीमक की तरह अंदर से खोखला बना देता है जिसके कारण व्यक्ति कई बीमारियों से ग्रसित होने लगता है। अत्यधिक तनाव लेने से पाचन तंत्र खराब हो जाता है। इसलिए, अपनी दैनिक जीवन शैली से तनाव को दूर करें।
फ़ास्ट फ़ूड से रहें दूर :
हर कोई स्वादिष्ट भोजन खाना चाहता है। इस स्वाद के लिए, हम विभिन्न फास्ट फूड और तला हुआ खाना खाते हैं। कुछ लोग इसे कम पसंद करते हैं तो कुछ इसे ज्यादा पसंद करते हैं। जो इसे अधिक पसंद करता है वह एक परिवर्तित पाचन तंत्र का शिकार हो जाता है। इसलिए अपने आप को इस हानिकारक भोजन से दूर रखें ।
अधिक भोजन का सेवन न करें :
आवश्यकता से अधिक भोजन करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। अधिक खाने के कारण अपच हो सकती है। हमें अपनी भूख के अनुसार भोजन करना चाहिए। जितनी भूख हो उतना भोजन करना चाहिए। कई लोग स्वाद के लिए अधिक भोजन खाते हैं और फिर उन्हें पछताना पड़ता है। इसलिए आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। हमेशा खाने से ज्यादा अपने शरीर को प्राथमिकता दें। अधिक भोजन लेने से हमारे पाचन तंत्र पर अधिक दबाव पड़ता है जो उचित नहीं है। बचाना इन बुरी आदतों से खुद को बचना और रोकना बहुत जरूरी है ।
अधिक समय तक बैठने से बचें:
आयुर्वेद के अनुसार अधिक समय तक बैठकर काम करने से बचना चाहिए – यदि आपका काम किसी कार्यालय में काम करने का है, तो आपको कंप्यूटर के सामने या कुर्सी पर बैठकर काम करना होगा, फिर आपको बीच में ब्रेक लेना चाहिए। अगर आपको लगातार काम करना है, तो हर दो घंटे के अंतराल में कुछ मिनट के लिए थोड़ा टहलना बहुत जरूरी है ।
रोजाना व्यायाम करना जरूरी :
व्यायाम हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है। रोजाना व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। रोजाना व्यायाम करने से पाचन की आग तेज होती है। यह हमारे शरीर के वजन को नियंत्रित रखता है, जो हमारे पाचन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। इसलिए रोजाना व्यायाम करें और शरीर को स्वस्थ बनाए रखें ।
आयुर्वेद के अनुसार पाचन तंत्र को मजबूत करने के घरेलू उपचार
1. इलायची का सेवन उपयोगी :
गर्भवती महिला के लिए इलायची का सेवन बहुत फायदेमंद साबित होता है। यह गर्भवती महिला की पाचन समस्याओं को दूर करता है।इसके सेवन के लिए आप इलायची को चाय के साथ ले सकते हैं।
2. अदरक एक लाभकारी औषधि:
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अदरक हमारे शरीर में भोजन को पचाने वाले महत्वपूर्ण पाचक रस और एंजाइम बनाता है। इसका रस पाचन शक्ति को खराब होने से बचाता है। पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए आपको अदरक का सेवन करना फायदेमंद होता है।
3. अमरूद का सेवन फायदेमंद :
आयुर्वेद में अमरूद को एक बहुत ही पौष्टिक फल माना जाता है। यह विटामिन सी, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज पदार्थों से भरपूर होता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। अमरूद का सेवन करने से दिमाग, दिल और पाचन शक्ति मजबूत होती है।
4. हल्दी का उपयोग लाभदायक :
आयुर्वेद में हल्दी को शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने वाली रामबाण औषधि माना जाता है । हल्दी हमारे शरीर में अपच, अल्सर, पित्त और पाचन से जुड़ी अन्य समस्याओं को दूर करती है। पाचन से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए, एक गिलास गुनगुने पानी के साथ आधा चम्मच हल्दी चूर्ण को मिश्रण करके रोजाना सेवन करने से आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त बनी रहती है।
सौंफ का इस्तेमाल लाभकारी :
आयुर्वेद के अनुसार अम्लता और सीने में जलन को दूर करने के लिए, भोजन के सही पाचन के लिए आप सौंफ का सेवन कर सकते हैं। दिन में एक चम्मच सौंफ का सेवन करने से पाचन क्रिया अच्छी बनी रहती है।